ICC लाएगी गेंदबाजों के लिए खुशखबरी, दो नई गेंदों के नियम पर हो रहा पुनर्विचार।

क्रिकेट में बैट्समेन और बॉलर के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए ICC एक ऐसे नियम पर विचार कर रही है जिससे गेंदबाजों कि बल्ले बल्ले हो जाएगी। इस नए नियम के आने के बाद ODI में गेंदबाजों को डेथ ओवर में बॉलिंग करने में मदद मिलेगी।

दरअसल पिछले कुछ वर्षों से वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों का एक छत्र राज रहा है। जिसको कम करने के लिए ICC दो नई गेंदों के उपयोग को खत्म करना चाहती है। जिसकी वजह से बॉल पुरानी होने पर डेथ ओवर में बॉलर रिवर्स स्विंग कराकर बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश कर पाएं।

ICC के निर्देशानुसार सौरव गांगुली कि अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने एकदिवसीय क्रिकेट में खेल के रोमांच को बरकरार रखने के उद्देश्य से डेथ ओवरों के लिए एक ही गेंद के उपयोग पर अपना फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। उम्मीद है जिम्बाब्वे में चल रही ICC बैठक में इस नियम को लेकर चर्चा होगी और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

नए नियम में इस तरह बॉलिंग के प्रभाव को बढ़ाया जाएगा।

नए नियम में गेंदबाजी करने वाली टीम को शुरुआत में दो नई गेंद दी जाएगी। लेकिन 25 ओवर के बाद गेंदबाजी करने वाली टीम उस दो नए गेंद में से सिर्फ एक गेंद को चुन सकती है और उस चुने हुए गेंद से बाकी के ओवर फेंके जाएंगे।

नए नियम में इस तरह बॉलिंग के प्रभाव को बढ़ाया जाएगा।

इससे 40 ओवर्स तक वह गेंद काफी पुरानी हो जाएगी। जिसकी वजह से बॉलर गेंद को सलाईवा का इस्तेमाल कर रिवर्स स्विंग करा पाएंगे। चूंकि रिवर्स स्विंग होने पर बॉलर डेथ ओवर में बल्लेबाज को तेजी से रन बनाने से रोक सकता है।

अभी वर्तमान के नियम में शुरू से अंत तक एक पारी में दो नए गेंद का उपयोग होता है जिसकी वजह से दोनों गेंद अधिकतम 25 ओवर हो पुराना होता है। यह स्थिति बल्लेबाजों को फेवर करती है। साथ ही उम्मीद है कि रिवर्स स्विंग को और खेल में लाने के लिए ICC सलाइव के उपयोग पर लगे बैन को भी हटा सकती है।

अधिकांश एक्सपर्ट दो नई गेंद के विरोध में

अधिकांश क्रिकेट एक्सपर्ट व खिलाड़ी शुरू से दो नई गेंद के इस्तेमाल के विरोध में थे। सचिन तेंदूलकर ने इस नियम पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि – क्रिकेट में दो नई गेंदों का इस्तेमाल आपदा का रसोई है। इस नियम से रिवर्स स्विंग होने के लिए गेंद को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। ब्रेटली सहित तमाम क्रिकेट खिलाड़ियों ने ICC के इस फैसले का विरोध किया था।

हालांकि दो नई गेंद का कान्सेप्ट इसलिए लाया गया था ताकि गेंद कि चमक को बनाए रखा जाए। पहले सिर्फ एक गेंद का इस्तेमाल होता था। जिससे 35-36 ओवर में बॉल का रंग व चमक निकल जाती थी। इसके बाद फिर से नई गेंद का उपयोग किया जाता था।

मैं कुंदन साह हूँ, एक एमबीए छात्र हूँ। मुझे कंटेंट राइटिंग में 7 साल का अनुभव है। पिछले सात सालों में, मैंने अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म के लिए 3000 से ज़्यादा लेख लिखे हैं।

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