22 मार्च को KKR और RCB के बीच खेले गए पहले मैच के साथ IPL के 18 वें सीजन कि शुरुआत हो गई है। लेकिन मैच के दौरान अंपायर ने सुनील नारायण को हिट विकेट होने के बावजूद आउट नहीं दिया। जिसकी वजह से अंपायर के निर्णय पर कंट्रोवर्सी होने लगी।
हालांकि इस मैच में आरसीबी ने कोलकाता नाइट राइडर्स को सात विकेट से हराकर जीत के साथ सीजन कि शुरुआत कर दी है। और अंपायर के इस फैसले से आरसीबी को कोई बहुत ज्यादा नुकसान भी नहीं उठाना पड़ा।
लेकिन सोशल मीडिया में इस बात कि खूब चर्चा है कि सुनील नारायण हिट विकेट होने के बाद भी आउट क्यों नहीं हुए। क्या नए नियम के अनुसार अब हिट विकेट होने पर बल्लेबाजों को आउट करार नहीं दिया जाएगा ? आइए जानते हैं हिट – विकेट पर बीसीसीआई के नियम क्या कहते हैं , और किन शर्तों के साथ आउट करार दिया जाता है।
सुनील नारायण हुए हिट विकेट
पहले पारी के 8 वें ओवर में रासिख सलाम ने सुनील नारायण के लिए गेंद फेंकी। जो कि सिर के उपर से निकल गई। चूंकि, गेंद में अधिक ऊंचाई थी जिसकी वजह से लेग अंपायर ने इस गेंद को वाइड करार दे दिया। उसी समय सुनील नारायण का बैट विकेट से टकराई और बेल्स भी गिर गए।
जैसे ही बेल्स कि आवाज आई आरसीबी के तरफ से हिट विकेट के लिए अपील होने लगी। लेकिन अंपायर ने इस अपील को खारिज कर नॉट आउट करार दिया। इस बात को लेकर कोहली और आरसीबी के कप्तान, रजत पाटीदार नाखुश भी दिखे।
क्या है हिट विकेट का असली नियम
दरअसल, बल्लेबाजी के दौरान बैट्समैन का बैट या शरीर का कोई अंग विकेट से जाकर टकराए और बेल्स गिर जाए तो इसे हिट विकेट कहा जाता है। और बैट्स मैन को आउट करार दिया जा सकता है, बशर्ते बॉल फेयर डिलीवरी होनी चाहिए।

लेकिन इस मैच में सुनील नारायण हिट विकेट तो हुए। लेकिन उसके पहले अंपायर ने उस गेंद को वाइड डिलीवरी घोषित कर दिया था। इसके बाद नियमानुसार यह डेड प्ले के अंतर्गत आता है जहाँ खिलाड़ी आउट नहीं हो सकता। वाइड करार होने से पहले अगर हिट – विकेट हो तो बैट्समेन आउट हो सकता है।
नियम 35 के अनुसार किसी भी तरह से आउट होना तभी मान्य होगा जब खिलाड़ी प्ले में हो। खेल रुकने के बाद बल्लेबाज आउट नहीं हो सकता। यही वजह रही कि सुनील नारायण को आउट करार नहीं दिया गया।