पाकिस्तानी क्रिकेटर का दोहरा चरित्र आया सामने! फिलिस्तीन पर आंसू बहाने वालों को पहलगाम याद नहीं आया।

श्रीनगर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस घटना से पूरा देश आक्रोशित है।और मृतकों और उनके परिवार वालों के लिए पुरे विश्व भर से संवेदनाएं व्यक्त कि जा रही है। घटना को लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियों ने निंदा प्रकट की है।

लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान के किसी भी क्रिकेटर ने इस घटना को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं किया है। ह्यूमन राइट्स का ढोंग करने वाले बाबर आजम से लेकर मोहम्मद रिजवान जैसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।

पाकिस्तान के क्रिकेटरों में सिर्फ प्रोफेसर के नाम से चर्चित पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने इस घटना कि निंदा करते हुए x पर पोस्ट किया है कि – “ इस घटना से दुखी हूँ, और दिल टूट गया है।”

इसके विपरीत गाजा और फिलिस्तीन पर हो रहे इजराइली अटैक को लेकर पाकिस्तान के सभी क्रिकेटर मुखर होकर हमले कि निंदा करते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। वहाँ इन क्रिकेटरों को इंसानियत पर हो रहे अत्याचार स्पष्ट रूप से दिखते हैं।

लेकिन सीमा पार भारत में हुए आतंकी हमलों में इन क्रिकेटरों कि खामोशी इनके स्वभाव पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। रिजवान और बाबर के इंडिया में भी लाखों चाहने वाले लोग रहते हैं।

रिजवान ने अपना शतक गाजा को किया था समर्पित

पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ खेले गए एक सीरिज में मोहम्मद रिजवान ने अपना शतक गाजा में इजरायली हमले में मारे गए नागरिकों के लिए समर्पित कर दिया था।

उन्होंने शतक लगाकर सोशल मीडया में पोस्ट करते हुए लिखा था कि – “ यह जीत गाजा में रह रहे हमारे भाई – बहनों के लिए समर्पित है, जो इजरायली हमलों से जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं।”

ICC के प्रतिबंध के बावजूद पाक क्रिकेटरों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था

ICC के प्रतिबंध के बावजूद पाक-क्रिकेटरों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था

2023 में हुए वनडे वर्ल्ड कप में ICC ने हमास में हो रहे संघर्ष को लेकर किसी भी तरह का पोस्ट, प्लेकार्ड जैसी चीजों के प्रदर्शन पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद ज्यादातर पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्ट किया था।

जिसमें शादाब खान, मोहम्मद नवाज, इफ्तिखार अहमद, हारिस रऊफ ने अपने सोशल मिडिया पर फिलिस्तीन का झंडा शेयर कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कि थी। इसके अलावा बहुत से सन्यास ले चुके खिलाड़ियों ने भी फ्लस्तीन का समर्थन किया था।

मैं कुंदन साह हूँ, एक एमबीए छात्र हूँ। मुझे कंटेंट राइटिंग में 7 साल का अनुभव है। पिछले सात सालों में, मैंने अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म के लिए 3000 से ज़्यादा लेख लिखे हैं।

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