पिछले साल नवंबर में खेले गए बार्डर गावस्कर सीरीज में 10 साल बाद भारत को आस्ट्रेलिया से करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद बीसीसीआई ने क्रिकेट दौरे में परिवार कि मौजूदगी पर कुछ शर्तों के साथ प्रतिबंध लगा दिया था।
इस प्रतिबंध के बाद विराट कोहली ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीसीसीआई के इस नियम की आलोचना कि थी।
जिसमें उन्होंने कहा था कि – “मुश्किल समय में परिवार का साथ होना जरूरी है आगे उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि लोग ये समझ पाते हैं कि बड़े पैमाने पर इसकी कीमत क्या है ये बात मुझे काफी निराश करती है कि जिन लोगों का हालात पर कोई काबू नहीं है, उन्हें जबरदस्ती बातचीत में घसीटा जाता है और कहा जाता है कि इन्हें दूर रखा जाना चाहिए”
विराट कोहली के इस प्रतिक्रिया के बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव भी विराट कोहली के समर्थन में दिखे। उन्होंने कहा कि लंबे दौरों पर परिवार का साथ खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
आगे उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को भी परिवार कि जरूरत होती है , हाँ यह जरूर है कि खिलाड़ियों को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि वह खेल के दौरान गेम पर फोकस रखें।
क्या है BCCI का नया फैमिली नियम?

इस नियम के अनुसार किसी टूर पर खिलाड़ी लंबे समय तक अपने फ़ैमिली के साथ नहीं रह सकते। पिछले साल बीसीसीआई ने नया दिशा निर्देश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि किसी भी टूर में खिलाड़ी 2 सप्ताह बाद ही फैमिली को साथ रख सकता है।
लेकिन इसमें शर्त है कि टूर 45 दिनों से ज्यादा का होना चाहिए अगर टूर 45 दिनों से कम का है तो खिलाड़ी सिर्फ एक सप्ताह तक ही अपने परिवार के साथ रह सकता है। बीसीसीआई के इस नियम कि शुरुआत से ही काफी आलोचना हो रही है जिसमें बड़े बड़े दिग्गज इस नियम के खिलाफ दिखाई दिए।
लेकिन बीसीसीआई का इस नियम के पीछे तर्क है , कि खिलाड़ी परिवार के साथ होने पर मैच में अपना पूरा फोकस नहीं कर पाते।
हालांकि अभी हाल में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और रोहित शर्मा का परिवार उनके साथ था लेकिन सभी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा भी किया।