पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी कि मेजबानी करना महंगा पड़ गया। क्योंकि इस टूर्नामेंट के चलते पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड को 739 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। जिसकी भरपाई के लिए PCB ने अपने क्रिकेटरों कि फीस पर कटौती करने का ऐलान किया है।
दरअसल 29 साल के बाद पाकिस्तानी बोर्ड को कोई आईसीसी इवेंट होस्ट करने का मौका मिला था। पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद था कि चैंपियंस ट्रॉफी के मेजबानी मिलने से विश्व स्तर पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक नई पहचान मिलेगी साथ ही पीसीबी कि वित्तीय स्थिति में भी सुधार आएगा।
लेकिन परिणाम उम्मीद के विपरीत रहा। क्योंकि पहले तो पाकिस्तानी क्रिकेट टीम घर में खेलने के बावजूद लीग स्टेज में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई। साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन से माली हालत इतनी खराब हो गई कि पाकिस्तान को इससे उबरने में कई साल लग जाएंगे।
चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से क्यों हुआ नुकसान?
पहले से ही पाकिस्तान में खराब वित्तीय हालात के कारण क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर चरमरा सी गई थी। जिसे आईसीसी टूर्नामेंट के लिए तैयार करने में भारी पैसों कि जरूरत पड़ी। टूर्नामेंट से पहले स्टेडियम कि नवीनीकरण करने में ही 560 करोड़ रुपये खर्च हुआ , जो कि कुल बजट का 50 फीसदी था।
इसके अलावा सुरक्षा तथा अन्य बेसिक सुविधाओं में पीसीबी को अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। उपर से भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपनी सुरक्षा चिंताओ के कारण पाकिस्तान कि सरजमी में क्रिकेट खेलने से इंकार किया जिसके चलते बहुत सारे मैच को दुबई शिफ्ट करना पड़ा।
पाकिस्तान मेजबान देश होने के बावजूद सिर्फ एक मैच ही पाकिस्तान में खेल पाई। क्योंकि बांग्लादेश के खिलाफ बारिश के कारण मैच रद्द हो गया। तथा बाद में वह टूर्नामेंट से भी बाहर हो गया। जिसके चलते पाकिस्तानी मैच के लिए टिकट भी नहीं बिक पाया।
करोड़ों के नुकसान कि भरपाई क्रिकेटरों कि फीस से

इस घाटे की भरपाई के लिए, पीसीबी ने घरेलू क्रिकेटरों की फीस में कटौती करने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक प्लेयर्स कि फीस पर 90 फीसदी कटौती किया जा रहा है। साथ ही उन्हे पाँच सितारा होटल कि जगह अन्य होटलों पर ठहरने कि व्यवस्था कि गई है।
- IPL 2025 में ऑरेंज कैप के हकदार हो सकते हैं ये पांच बल्लेबाज
- जानिए Online Betting ID Kaise Banaye?
- IPL 2025: सबसे खतरनाक बल्लेबाजी किस टीम की है?
निश्चित रूप से इससे खिलाड़ियों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिससे पाकिस्तानी क्रिकेट कि गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। आने वाले समय में पीसीबी कुछ सीरीज को टाल भी सकती है क्योंकि पीसीबी के पास अभी इस वित्तीय घाटे से उबरने का कोई स्थायी समाधान नहीं है।