आईपीएल ओपनिंग सेरेमनी मैच में क्यों नहीं खेलती है दूसरी टीम, केवल चेन्नई, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु को दिया जाता हो मौका

अगर आप यह सोचते हैं कि आईपीएल के पहले मैच में बाकी सभी टीमों को क्यों नहीं खेलने का मौका दिया जाता और हमेशा से ही क्यों मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को ही क्यों पहला मैच खेलने का मौका दिया जाता है।

इसके बारे में आपको पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक बताने वाला हूं। क्योंकि इसके पीछे बहुत ज्यादा कारण है, जिसकी वजह से इन सभी टीमों को पहला मुकाबले में खेलने का मौका दिया जाता है।

लोकप्रियता और फैन फॉलोइंग की वजह से?

लोकप्रियता के मामले में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की बहुत ही ज्यादा लोकप्रियता है जिसकी वजह से बीसीसीआई के द्वारा हमेशा से ही दर्शकों को आकर्षित करने के लिए इन सभी को पहले मुकाबले में खेलने का मौका दिया जाता है और जिसकी वजह से दर्शन आकर्षक होते हैं और बीसीसीआई का बहुत ही ज्यादा पैसा का कमाई होता है।

ब्रांड वैल्यू और बड़े खिलाड़ियों की वजह से?

मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग जैसी सफल टीम की ब्रांड वैल्यू बहुत ही ज्यादा है, क्योंकि उनकी टीम में महेंद्र सिंह धोनी जैसा क्रिकेटर है और विराट कोहली जैसा क्रिकेटर है और रोहित शर्मा जैसा बड़ा क्रिकेटर है जिसकी वजह से ब्रांड वैल्यू बहुत ही ज्यादा है और लोग इन्हे बहुत ही ज्यादा देखना पसंद है, जिसकी वजह से कमाई बहुत ही ज्यादा बीसीसीआई की होती है।

इतिहास इन सभी टीमों के बीच में?

इतिहास इन सभी टीमों के बीच में?

आईपीएल में हमेशा से ही चैंपियन टीमों को खेलने का मौका दिया जाता है और मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग पांच पांच बार का आईपीएल का चैंपियन है इसलिए शुरुआती मैचों में इनको खेलने का मौका दिया जाता है या फिर कोलकाता नाइट राइडर्स को या फिर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को।

विराट कोहली ने भले ही आईपीएल का एक भी ट्रॉफी ना जीत हो लेकिन उनकी ब्रांड वैल्यू बहुत ही ज्यादा है और पूरे भारत के लोग विराट कोहली को देखने आते हैं इसलिए बीसीसीआई हमेशा से ही चेन्नई सुपर किंग से या फिर मुंबई इंडियंस या फिर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच में मैच कराना पसंद करती है।

मैं कुंदन साह हूँ, एक एमबीए छात्र हूँ। मुझे कंटेंट राइटिंग में 7 साल का अनुभव है। पिछले सात सालों में, मैंने अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म के लिए 3000 से ज़्यादा लेख लिखे हैं।

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